Header Ads Widget

Responsive Advertisement

Ticker

6/recent/ticker-posts

Women’s Period and Hormonal Health || periods and hormonal health

Women's period and hormonal health 


यह सिर्फ शरीर की नहीं, आत्मा की भी कहानी है

एक महिला के जीवन में हर छोटी-बड़ी बात कहीं न कहीं उसके शरीर और मन से जुड़ी होती है। वह घर को संभालती है, रिश्तों को थामे रहती है और खुद को कहीं न कहीं सबसे अंत में रखती है। लेकिन क्या आपने कभी खुद से पूछा है — जब आप थकी होती हैं, अचानक चिड़चिड़ी हो जाती हैं या पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द से जूझती हैं, तो क्या यह सब ‘सामान्य’ है?


शायद नहीं।

शायद यह एक अंदरूनी पुकार है, आपके शरीर की, जो कह रहा है — "मुझे थोड़ा समझो, मुझे थोड़ा समय दो।"



पीरियड्स: हर महीने का एक अनुभव, जो हर बार अलग होता है


हर लड़की जब पहली बार पीरियड्स का अनुभव करती है, तो वह डर, शर्म, और उलझन से घिरी होती है। घर की बड़ी महिलाओं से कुछ बातें मिलती हैं, लेकिन अक्सर यह शिक्षा अधूरी रहती है। पीरियड्स को आज भी हमारे समाज में एक "चुप रहने वाली चीज़" समझा जाता है, जबकि यह एक खूबसूरत जैविक प्रक्रिया है — एक नई जिंदगी को जन्म देने की तैयारी।


परंतु यह हर महीने केवल खून बहने की बात नहीं है। यह दर्द का, मूड स्विंग्स का, थकावट का, आत्मग्लानि का अनुभव भी होता है। कुछ महिलाओं के लिए यह आसान होता है, कुछ के लिए बेहद तकलीफदेह।


अनियमित पीरियड्स: जब शरीर अपनी लय खो देता है

हर महिला का मासिक चक्र अलग होता है, लेकिन जब यह बहुत अनियमित हो जाए — जैसे कभी 21 दिन में, कभी 40 दिन में आना — तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर के अंदर कुछ ठीक नहीं है। इसके पीछे हॉर्मोनल असंतुलन, तनाव, खराब खानपान, थायरॉइड, या फिर कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है।


इस समय खुद को दोष न दें, बल्कि अपने शरीर से संवाद करें। यह बदलाव आपको कुछ बताने की कोशिश कर रहा है।



अत्यधिक या बहुत कम ब्लीडिंग: दोनों ही चिंता का विषय

कई बार पीरियड्स में बहुत अधिक ब्लीडिंग होती है, जिससे कमजोरी, चक्कर, और थकावट महसूस होती है। कभी-कभी इतनी कम कि महीने-महीने तक आता ही नहीं। इन दोनों ही स्थितियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह यूटरस की किसी अंदरूनी समस्या या PCOS/PCOD जैसी स्थिति का लक्षण हो सकता है।


मासिक धर्म का दर्द: हर बार सिर्फ दवा ही क्यों?

हममें से कई महिलाओं के लिए यह दर्द इतना तेज होता है कि काम करना मुश्किल हो जाता है। मगर हमें सिखाया गया है — "सहन करो, ये तो सामान्य है।"

पर क्या ये सच में सामान्य है?

आपके दर्द को कम करने के लिए सिर्फ दवाइयाँ नहीं, बल्कि गर्म पानी की थैली, हल्की एक्सरसाइज़, अश्वगंधा या हल्दी वाला दूध, और परिवार का सहारा भी बहुत काम आता है।


हॉर्मोनल असंतुलन: जब अंदर की दुनिया हिलने लगे

हर दिन हमारी भावनाएं, ऊर्जा, और स्वास्थ्य — इन सबका संबंध हमारे हॉर्मोन से होता है। एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन, थायरॉइड — ये नाम भले ही क्लास 10 की बायोलॉजी जैसे लगें, पर इनका हमारी हर सांस पर असर होता है।


जब इनका संतुलन बिगड़ता है तो:

बाल झड़ने लगते हैं

वजन बढ़ने या घटने लगता है

त्वचा पर मुंहासे बढ़ जाते हैं

नींद उड़ जाती है

या हर छोटी बात पर रोने का मन करता है


इस समय हम खुद को समझ नहीं पाते और सोचते हैं कि हम ‘कमज़ोर’ हो गए हैं।

नहीं। यह सिर्फ शरीर का एक संकेत है कि कुछ बदलने की ज़रूरत है।



तनाव और नींद की कमी — हॉर्मोन के सबसे बड़े दुश्मन

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में नींद को सबसे पहले कुर्बान किया जाता है। देर रात तक मोबाइल, चिंता में उलझा मन और सुबह जल्दी उठकर सब संभालने की दौड़ — यह सब हमारे कॉर्टिसोल (तनाव हॉर्मोन) को बढ़ा देता है, जो अन्य सभी हॉर्मोन को असंतुलित कर देता है।


एक स्वस्थ नींद — कम से कम 7–8 घंटे — शरीर को रिपेयर और हॉर्मोन को बैलेंस करने का समय देती है। इसके बिना हर दिन सिर्फ एक थकावट का सिलसिला बन जाता है।


पोषण: वो प्यार जो आप खुद को देते हैं

क्या आपने ध्यान दिया है कि जब आप पौष्टिक खाना खाती हैं — जैसे दालें, फल, हरी सब्ज़ियाँ, दूध, सूखे मेवे — तो आपका मूड भी बेहतर होता है?


हॉर्मोन को संतुलन में रखने के लिए ज़रूरी है:


आयरन से भरपूर भोजन (जैसे गुड़, चुकंदर)

कैल्शियम और विटामिन D (जैसे दूध, धूप)

हेल्दी फैट्स (जैसे घी, नट्स)

प्रोटीन (जैसे अंडा, मूंग, चना)


PCOS/PCOD: हर तीसरी महिला की अनकही कहानी

आज की युवतियों में PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) बहुत सामान्य होता जा रहा है — अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, चेहरे पर बाल, मुंहासे, और गर्भधारण में कठिनाई इसके संकेत हैं। यह सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक तनाव का भी कारण बनता है।


PCOS का इलाज दवाइयों से हो सकता है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव के बिना नहीं।

समय पर सोना और उठना

जंक फूड से दूरी

योग और चलना

मेडिटेशन

— यह सब आपके अंदर के हॉर्मोन को प्यार देते हैं।


जब लगे कि कुछ सही नहीं है — तो खुद से मुंह न मोड़ें

महिलाएं अक्सर दर्द और तकलीफ को सहन करने की मशीन बना दी जाती हैं।

"कुछ नहीं हुआ",

"सबको होता है",

"थोड़ा आराम कर लो" — ये वो शब्द हैं जो तकलीफ को छोटा बना देते हैं।

लेकिन जब दर्द हर महीने बढ़ता जाए, मूड रोज़ चढ़ता-उतरता रहे, या पीरियड्स बहुत अनियमित हो जाएं — डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

शर्म या डर में अपनी सेहत को ना छिपाएं। आप कीचड़ में फूल जैसी हैं — आपको खुद की देखभाल करनी होगी।


मासिक धर्म पर बात करना शर्म की बात नहीं — यह जागरूकता है

बदलते ज़माने में भी पीरियड्स एक ‘छुपाने वाली बात’ बनी हुई है। कई लड़कियों को आज भी इसकी जानकारी सही समय पर नहीं दी जाती। कई जगहों पर पीरियड्स आने पर स्कूल छुड़वा दिए जाते हैं।


पर अब समय है इसे बदलने का।

आप अपनी बेटी, बहन, या दोस्त से खुलकर बात करें। उन्हें बताएं कि यह एक ताकत की निशानी है, कमजोरी की नहीं।


घरेलू उपाय जो सालों से दादी-नानी बताती आई हैं

हमारे घरों में आज भी ऐसे नुस्खे मौजूद हैं, जो बिना साइड इफेक्ट्स के हॉर्मोन और पीरियड्स को बैलेंस कर सकते हैं:


अश्वगंधा चूर्ण: तनाव और हार्मोन संतुलन के लिए

शतावरी: महिलाओं के लिए आयुर्वेदिक टॉनिक

मेथी के दाने का पानी: पीरियड्स का दर्द कम करता है

हल्दी वाला दूध: सूजन और दर्द में राहत

भीगे हुए अंजीर और छुहारे: आयरन और फाइबर से भरपूर


 अपनी सेहत को प्राथमिकता दें — यह आपकी ताकत है



यह लेख सिर्फ पीरियड्स और हॉर्मोन की नहीं, एक महिला की खुद से जुड़ाव की कहानी है।

आप जब अपने शरीर को सुनना शुरू करती हैं, तो वह आपको जवाब देने लगता है।

आप जब खुद से प्यार करने लगती हैं, तो शरीर भी स्वस्थ हो जाता है।


याद रखें —

आप सिर्फ किसी की माँ, बहन, बेटी या पत्नी नहीं हैं —

आप खुद एक पूरी दुनिया हैं।


👇 यह भी पढ़ें: सुबह जल्दी उठने के फायदे


अगर आप दिनभर ऊर्जावान, शांत और सफल बनना चाहते हैं, तो सुबह जल्दी उठने की आदत जरूर अपनाएं। यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है:

👉 सुबह जल्दी उठने के फायदे और आसान तरीके – यहां क्लिक करें

इस पोस्ट में आप जानेंगे:
✅ जल्दी उठने के वैज्ञानिक फायदे
✅ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
✅ दिनचर्या सुधारने के टिप्स
✅ सुबह जल्दी उठने की आसान ट्रिक्स
✅ मोटिवेशन बढ़ाने वाले विचार

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ